करवा चौथ का व्रत सुहागिन औरते मानती है. ये त्यौहार उत्तर भारत में ज़्यादातर मनाया जाता है.
हिंदी मान्यता के अनुसार करवा चौथ का व्रत कार्तिक मॉस के चौथे दिन मनाया जाता है. इसमें सुहागिन औरते अपने पति की लम्बी उम्र , तरक्की और अच्छे स्वस्थ्य की कामना करती है ताकि उनके पति को दुनिया की कोई परेशानी ना आए. ये व्रत बहोत कठिन होता है, इसमें बिना जल और भोजन किये पूरा दिन रहना पड़ता है और रात्रि में चाँद को छन्नी में देखकर अपने पति को उसी छन्नी में देखकर उनकी पूजा कर के व्रत का पारन करना होता है.
इस व्रत किस अलग अलग कथाएँ प्रसिद्ध है. जिसमे से एक महाभारत से जुडी है. द्रौपदी अपने पांडव पतियों की लम्बी उम्र, उन्नति की लिए ये व्रत करती थी. ये व्रत श्री कृष्ण ने द्रौपदी को रखने को बोला था और कहा था की ये व्रत पार्वती जी ने शिव जी की लम्बी उम्र के लिए रखा था.
ये व्रत स्त्रियों के लिये एक उत्सव की तरह है जिसमे स्त्रियाँ १६ श्रृंगार करती है और नए वस्त्र भी पहनती है और बहोत सी स्त्रियाँ एक साथ मिलकर पूजा समापन करके त्यौहार का आनंद लेती है. इस व्रत में घर की सास अपनी बहु को सरगी के साथ बहुत सारा आशीर्वाद भी देती है, ताकि उसका व्रत अच्छी तरह से पूर्ण हो सके.
लेकिन, जैसा की हम सभी को पता है की इस समय कोरोना काल चल रहा है. ऐसे में यदि हर सास अपने बहुओं को बहार की सरगी ना देकर घर की बनाई हुई सरगी दे तो ज्यादा अच्छा रहेगा. सरगी में सास अपनी बहुओं को सेवई, फल, मिठाई, आभूषण इत्यादि के साथ नए कपडे देतीं है जिसे खाकर हर बहु अपने व्रत की शुरुवात करती है.
कोशिश करें की इस वर्ष करवा चौथ एक साथ मानाने के बजाय आप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदत से ये त्यौहार मनाए. हर वो बात जो की कोरोना काल में मनना चाहिए उसका पालन करें। और अगर आप एक दूसरे से दूर है तो ऑनलाइन करवा चौथ गिफ्ट भी भेज सकते है | सोशल डिस्टन्सिंग, मास्क और सैनिटाइज़र का पालन अवश्य करें और बाहार किसी रेस्ट्रॉं में खाना खाने के बजाय परिवार के सभी सदस्य साथ में मिलकर खाना बनाएं और एक साथ उसका आनंद ले, जो की आपके पति और आपके अपनों को स्वस्थ और सुखी ही नहीं बल्कि लम्बी आयु भी प्रदान करेगी.
source - https://www.indiagift.in/blog/corona-kaal-mein-karwa-chauth-kaise-manaye/3704
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